श्री स्वामी रामतीर्थ उनके सदुपदेश भाग ४ : स्वामी रामतीर्थ द्वारा मुफ्त हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Shri Swami Ramtirth Unke Sadupdesh Part 4 : by Swami Ramtirth Free Hindi PDF Book
श्री स्वामी रामतीर्थ उनके सदुपदेश भाग ४ | Shri Swami Ramtirth Unke Sadupdesh Part 4 Hindi PDF Free Download

खक / Writer | स्वामी रामतीर्थ / Swami Ramtirth |
पुस्तक का नाम / Name of Book | श्री स्वामी रामतीर्थ उनके सदुपदेश भाग ४ | Shri Swami Ramtirth Unke Sadupdesh Part 4 PDF |
पुस्तक की भाषा / Shri Swami Ramtirth Unke Sadupdesh Part 4 Book of Language | हिंदी / Hindi |
पुस्तक का साइज़ / Book Size | 2 MB |
कुल पृष्ठ / Total Pages | 131 |
श्रेणी / Category | धार्मिक / Religious , हिंदू / Hinduism |
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श्री स्वामी रामतीर्थ उनके सदुपदेश भाग ४ पुस्तक का एक मशीनी अंश
इस प्रकार दम उमकी शिक्षाओं की उन्हीं की लिखी हुई नियमित व्यास्या से घंचित हैं। परन्तु यद्द संतोप की बात दे कि उनके विचार की कुछ सामग्री दम प्राप्त है, चद कितनी दी बिखरी हुई ओर हंटे फूटे अशो में क्यों नदी। अतपव कुछ संकरप विकएप के बाद निश्चय किया गया दे कि, उनके पिचार की इस सामग्री ओर उनके श्रच्चिन्तित व्याग्यानों में अकट दोने वाले उनके ज्ञान के प्रतिविम्धों को, उसके निवन्धे। और स्मरण पुस्तिकाओं के साद्देत, प्रायः उसी रूप में छाप फर सर्वेस्ताधारण फेखामंन रण दिया जाय, जिसमे वे छोड गये दै।
जो राम से मिल्ते हें थे बहुतेरे ओर कदाचित् सब व्याय्यातों में डर पद्दचान लेंगे ओर बोघ ऋरगे कि उनके बविलकत्तण श्ोजस्वी ढंग को अ्रद भी खुत रद हूँ । वे उनके व्याफ़ैत्थ की मोदनी से एक बार फिर अपने को सम्मोदित समफेगे, और छुपेरूप की जितनी कमी पूर्ति वे उनके सम्बन्ध के अपने मत के प्रेममय और सन्मानपूर्ण संस्कारों से कर लेगे | जिन्दे उनके दशन का अवसर नहीं मित्रा था वे यदि धीरज धरकणर आदि से अन्त तक पढ़ जायेगे तो उस परमानन्द्मय शाना-चस्था का अलुमघ कर सकेंगे, जो इन कथनों की आधार है, ओर इनफो भनोद्दर तथा अथेपूर्ण यनाती दे किसी स्थल पर सम्भव दै थे उनके विचारों को न समझे सकें
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