कामना PDF | Kamana PDF In Hindi
कामना PDF – Kamana PDF Free Download

लेखक / Writer | जयशंकर प्रसाद / Jayshankar Prasad |
पुस्तक का नाम / Name of Book | कामना / Kamana |
पुस्तक की भाषा / Kamana Book of Language | हिंदी / Hindi |
पुस्तक का साइज़ / Book Size | 6.69 MB |
कुल पृष्ठ / Total Pages | 162 |
श्रेणी / Category | स्वास्थ्य / Health |
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कामना PDF पुस्तक का एक मशीनी अंश
पहला ह्श्य
स्थान–फ़ूलो का द्वीप, समुद्र का किनारा
( पक्ष की छाया में लेटी हुई कामना )
कामना–ऊषा के अपांग में लप्ारण की लाली है। दक्षिण-पवन शुश्र मेघमाला का: अंचल हटाने’ लगा । पृथ्वी के ग्रांगण में प्रभात टहल रहा है, क्या ही मधुर है; और संतोष भी मधुर है। विशाल…जलराशि के शीतल अंक से लिपटकर आया हुआ पवन इस द्वीप के निवासियों को कोई दूसरा संदेश नहीं सुनाता, केबल शांति का निरंतर संगीत सुनाया करता है। सन्तोष |
हृदय के समीप होने पर भी दूर है न्दुर है, केबल आलस के विश्राम का रूप्त दिखाता है। परन्तु अकमेसश्य सनन्तोष से मेरी पटेगी ? नहीं । इस समुद्र में इतना हाहाकार क्यो है ? उँह,ये कोमल पत्ते तो बहुत शीघ्र तितर-बितर हो जाते है | ( जिछे हुए पत्तों को बैठकर ठीक करती है ) यह लो,इन डालो से छनकर आई हुई किरणेंइस समय ठीक मेरी आँखों पर पड़गी । अब दूसरा खान ठीक करूँ, बिछावन छाया मे करूँ । ( पत्तों को दूसरी ओर बटोरती है ) घड़ी-भर चैन से बैठने मे सी मंकट है । (दो-चार फूल वृक्ष के चू पडते हैं–व्यस्त होकर बृक्ष की ओर सरोप देखने छूगती है )
£ तीन स्त्रियों का कलसी किये हुए प्रवेश )
१–क्यों बिगड़ रही हो कामना ?
२–किस पर क्रोध है कामना ?
३–कितनी देर से यहाँ हो कामना ?
कामना–(स्वगत) क्यों उत्तर दूँ ? सिर खाने
के लिए यहाँ भी सब पहुँची !
( सुँह रिरा छेती है और बोलती नहीं )
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