कबीर साहेब की शब्दाबली (भाग तीसरा) : कबीरदास द्वारा मुफ्त हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Kabir Saheb Ki Shabdavali Part 3 : by Kabirdas Free Hindi PDF Book

लेखक / Writer | कबीरदास / Kabirdas |
Kabir Saheb Ki Shabdavali Part 3 Book Language | हिंदी / Hindi |
पुस्तक का साइज़ / Book Size | 17.8 MB |
कुल पृष्ठ / Total Pages | 61 |
श्रेणी / Category | साहित्य / Literature |
बलिहारी अपने साहिब की , जिन यह जुक्ति बनाई |
उनकी शोभा केहि बिधि कहिये ,भो से कही न जाई || १ ||
बिना जोत की जहँ उजयारी , सो दरसे वह दीपा |
निरतै हंस करै कंतुहल , वोही पुरुष समीपा || २ ||
भलकै पद नाना बिधि बानी , माथे छत्र बिराजै |
कोटिन भानु चंद्र की क्रांति , रोम रोम में साजै || ३ ||
कर गहि बिहँसि जबै मुख बोले , तब हँसा सुख पावै |
अंस बंस जिन बुभी बिचारि , सो जीवन मुक्तावै || ४ ||
चौदह लोक बेद का मंडल , तहँ लगि काल दुहाई |
लोक बेद जिन फंदा काटी , ते वह लोक सिधाई ||५ ||
कबीरदास
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