अक्षर कुंडली PDF : अमृता प्रीतम द्वारा मुफ्त हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक | Akshar Kundali PDF : by Amrita Pritam Free Hindi PDF Book

अक्षर कुंडली PDF | Akshar Kundali In Hindi PDF Book Free Download
अक्षर कुंडली PDF | Akshar Kundali PDF in Hindi PDF डाउनलोड लिंक लेख में उपलब्ध है, download PDF of अक्षर कुंडली
पुस्तक का नाम / Name of Book | अक्षर कुंडली PDF / Akshar Kundali PDF |
लेखक / Writer | अमृता प्रीतम / Amrita Pritam |
पुस्तक की भाषा / Book by Language | हिंदी / Hindi |
पुस्तक का साइज़ / Book by Size | 2.53 MB |
कुल पृष्ठ / Total Pages | 154 |
पीडीऍफ़ श्रेणी / PDF Category | ज्योतिष / Astrology , साहित्य / Literature |
डाउनलोड / Download | Click Here |
आप सभी पाठकगण को बधाई हो, आप जो पुस्तक सर्च कर रहे हो आज आपको प्राप्त हो जायेगी हम ऐसी आशा करते है आप अक्षर कुंडली PDF मुफ्त हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक डाउनलोड करें | डाउनलोड लिंक निचे दिया गया है , PDF डाउनलोड करने के बाद उसे आप अपने कंप्यूटर या मोबाईल में सेव कर सकते है , और सम्पूर्ण अध्ययन कर सकते है | हम आपके लिए आशा करते है कि आप अपने ज्ञान के सागर में बढ़ोतरी करते रहे , आपको हमारा यह प्रयास कैसा लगा हमें जरूर साझा कीजिये |
आप यह पुस्तक pdfbank.in पर निःशुल्क पढ़ें अथवा डाउनलोड करें
नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप Akshar Kundali PDF / अक्षर कुंडली PDF डाउनलोड कर सकते हैं।
यहाँ क्लिक करें – अक्षर कुंडली PDF मुफ्त हिंदी पीडीऍफ़ पुस्तक डाउनलोड करें
अक्षर कुंडली PDF | Akshar Kundali PDF in Hindi
अक्षर कुंडली PDF पुस्तक का एक मशीनी अंश
इसान वे एक ही शरीर में सात शरीर कहते हुए–इहूँ विकास की सात मजिसे बहा है। सात मूछित शब्तिया । सात सम्भावनाएं। जिहें बेतन यटन से संवेदनशील करना होता है । सबल्पशील करना द्वोता है है । लगता है एक जिशासु बे मन वी यही अवस्था रही होगी, कि एू पास नहों, ओर पास भो है, कि शर्ले मैश्लेन ने योग साधना की
एक नई कोण तलाश की, गौर अपनी दो आायो मे” बीच की मस्तिष्व-रेखा से लेकर अपनी नाभि तर के उन स्थानों की सोने की गुइयो से बेंध कर एव ऐसा तमुर्या हासिल किया, णोयोगी लोग पट चक्र में सोई हुई शक्तियों को जगा लेने से हाप्िल्त १रते हैं! और इस माध्यम से शर्ले मंबलेन ने अपनी महा चैतता से सम्पक पैदा किया और अपने ढितने ही पूद जम देख पाई |
एक वार जब उसने देखा कि हजारो साल पहले उसका एक जम भारत मे हुआ था, जहां अपने यचपत मे यो एक बार एक हाथी, की मददगार हुई थी और फिर जब उस छोटी सो बच्चो का पिता नहीं रहा तो हाथियों ने मिलकर उसको परवरिश की थी–थहां तक कि जब वो कुछ जवान हुई, तो हाथी उसको कांच की चूडियों से खेलते थे ।
किसी जमे का यह राज जब नुमाया हुआ, तो वो हैरान हुईं कि यह कौन-सी चेतना थी, उसके अन्तर में सोई हुई, कि इस जम में उसने अपना न्यूयाक का धर हाथियों की तस्वीरों से सजाया था ऐसी कोई पहचान सी, जो हमारे फिसी तक की पकड मे नहीं आती, ठीक वही अवस्था होती है—तू पास नहीं बौर पास भी है. और यही से हमारे अन्तर में कोई सम्भावना जायती है
कुछ क्रियाशील होता है हकीकत तो थो भी है जो हमारे अनुभव की सीमा से आगे है, लेकिन मैं लव दे मानती हू, जो अपने इन्कार में भी एक स्वीकार का स्थात बटाये रखता है । ‘यग धुंघरू बांघ मीरा नाथी रे–यह तो महाचैतन्य वा अनुभव है। इसके लिए तो मोरा को जाना होता है । लेकिन जद एक जिज्ञासु ऐसी मज़िस की सम्भावना अपने में नही देख पाता, तब भी, मैं मानती हूँ कि उसके कान उस रास्ते की ओर सगे रहते हैं–जहा से ही दूर से मीरा हे पाँव में बधे हुए घुषरू–उस थूरे रास्ते को तरग्रित कर रहे होते हैं ।
यह पुस्तक ‘अक्षर-कुण्डली’ मेरी किसी प्राप्ति वी गाया नहीं है। यह तो एक जिजासु मन की अवस्था है, जिसे कभी-कभी किसी पवन के झोंके मे मिली हुई मीरा के घुघदओ की ध्वनि सुवाई देती है
Note – यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं
आपको Akshar Kundali PDF / अक्षर कुंडली PDF डाउनलोड करने में असुविधा हो रही है या इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो हमें मेल करे. आशा करते हैं आपको हमारे द्वारा मिली जानकारी पसंद आयी होगी यदि फिर भी कोई गलती आपको दिखती है या कोई सुझाव और सवाल आपके मन में होता है, तो आप हमे मेल के जरिये बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे आपको पूरी जानकारी देने की और आपके सुझावों के अनुसार काम करने की. धन्यवाद !